Thursday 12 December 2013

राजभर समेत 17 जातियों के आरक्षण हेतु संसद में हंगामा एवं स्थगन

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17 जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल कराने के लिए प्रदेश की दो धुर विरोधी समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने संसद को सिर पर उठा रखा है। सपा ने बुधवार को दोनों ही सदनों में इसी मुद्दे पर सरकार के जवाब की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। राज्यसभा में तो सिर्फ इसी मुद्दे पर हंगामे के चलते कार्यवाही ही नहीं चल सकी। शोर-शराबे में बसपा भी पीछे नहीं रही।
बाद में, सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि उत्तर प्रदेश की कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धींवर, विंद, भर, राजभर, बाथम, तुरहा, गौड़, मांझी और मछुआ जातियों की स्थिति बहुत खराब है। उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल कराने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री को पत्र लिख चुके हैं। फिर भी केंद्र ने अब तक कुछ नहीं किया है। मुलायम के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि इन पिछड़ी 17 जातियों की समस्या की जड़ ही सपा है। उसके चलते ही ये जातियां उन सुविधाओं से भी वंचित हो गईं, जो उन्हें पहले मिलती थीं। बसपा ने अपनी पिछली सरकार में उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल कराने की पहल की थी और अब इस मुद्दे को संसद में उठा रही है।
इससे पहले, राज्यसभा में कार्यवाही पर सिर्फ यही मुद्दा हावी रहा। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही सपा संसदीय दल के नेता प्रो. रामगोपाल यादव व मुख्य सचेतक नरेश अग्रवाल अपनी जगह पर खड़े होकर प्रदेश की 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कराने के लिए सरकार से जवाब देने की मांग करने लगे। जबकि पार्टी के दूसरे सदस्य अरविंद कुमार सिंह, आलोक तिवारी, चौधरी मुनव्वर सलीम सभापति के आसन के पास जाकर नारेबाजी करने लगे। उसी समय बसपा के ब्रजेश पाठक, मुनकाद अली, अवतार सिंह करीमपुरी व दूसरे सदस्य सभापति के आसन के दूसरी तरफ आकर इसी मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे। यही सिलसिला 11 बजे, 12 बजे और फिर दो बजे दोहराया गया। उसके बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए ही स्थगित कर दी गई।


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