Monday 13 January 2014

महान राजभरों की इतिहास में उपेक्षा

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  यदि भारत के इतिहास को खंगाला जाये तो मालूम पडेगा की जो समुदाय या जातीया विदेशी लुटेरे मुगलों से जमकर लोहा लेने में कामयाब रही, उनको रोकने में वीरता दिखाई , उन समुदाय और जातियों को मुग़ल राज आने बाद अछूत बनाकर यातना और मौत देने के साथ साथ उनके साथ सामाजिक और आर्थिक यातना भी दी गयी और इस काम के लिए मुगलों ने लालची व कायर धोखेबाज डरपोक हिन्दुओ को ही चुना.
इसके सबसे बड़े उदाहरण उत्तर प्रदेश की राजभर जाति है जिनके पास बहुत सारे राज्य थे. लेकिन सुहेलदेव राजभर के लडाको द्वारा पुरे भारत को तहसनहस करने वाली सलार गाजी की लुटेरी सेना को जो दस गुना बड़ी थे, आधे दिन की लड़ाई में काटकर ख़तम कर दिया और जब दुबारा से मुग़ल ताकतवर होकर भारत आये तो राजभरो की रियासतों को यही के कुछ लालची लोगो को मिलकर धोखे से मर मर कर ख़तम कर दिया और राजभर जातिया तितर वितर होकर पुरे क्षेत्र में फ़ैल गयी. वे जहा भी गए उनका अछूत बनाकर शोषण किया गया. हिन्दू बिरोधी सपा आपको यह बात नहीं जानने देगी. 
           यूपी में राजा सुहेलदेव राजभर द्वारा बहराइच में हिन्दू संहारक महमूद गजनी के भांजे “सालार गाजी” का सेना सहित वध कर दिया गया क्योकि कनक भवन मंदिर-अयोध्या को नष्ट करने केबाद सलार गाजी ने बहराइच का रुख किया और सुहेलदेव राजभर के दमदार लड़को ने अपने से दस गुना बड़ी मुग़ल लुटेरो को काट डाला और नेहरू चाचा के इतिहासकारों ने इस राजभर राजा का कही नाम तक नहीं उद्धृत किया है. और सलार गाजी जैसे पापी को हिन्दू के लिए पूजनीय प्रचारित करा दिया गया जिसने अयोध्या के कनक भवन मंदिर को ध्वस्त कर दिया था जिसका विवरण आज भी अयोध्या के कनक भवन मंदिर में लगी शिला लेख में दर्ज है. कितने हिन्दुओ को यह लेख दिखा है.

2 comments:

  1. i am interested in the history of rajbhar castes,
    can you tell me about any book about history of rajbhars.

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  2. Plz read Rajbhar Jati ka Itihas.

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